Punjab: किसान की समस्याओं के खिलाफ ईसड़ू मंडी में विरोध, धान की खरीद नहीं हो रही
Punjab: पंजाब के खन्ना के ईसड़ू गांव में स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में पिछले 15 दिनों से धान की खरीद और उठान नहीं हो रहा है। इसकी वजह गन्नी बैग की कमी बताई जा रही है। इस स्थिति के चलते किसानों को अपनी फसल को खुले में रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी मेहनत बर्बाद हो सकती है।
किसानों का प्रदर्शन:
समस्या के समाधान की मांग करते हुए परेशान किसानों ने मंगलवार को सड़क जाम कर दी और सरकार तथा खाद्य निगम (FCI) विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। किसान हरप्रीत सिंह ने बताया कि वे पिछले 15 दिनों से अपनी फसल लेकर ईसड़ू मंडी में बैठे हैं। उनकी फसल खुली हवा में पड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “हमने अपनी फसल को अच्छे से सुखाकर मंडी में लाया है। अगर मौसम बिगड़ता है, तो हमारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। इसका जिम्मेदार कौन होगा?” हरप्रीत ने आरोप लगाया कि मंडी में कुछ कमीशन एजेंटों को गन्नी बैग दिए जा रहे हैं, जबकि सामान्य किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक बैग नहीं मिल रहे हैं।
FCI का बयान:
एफसीआई के निरीक्षक हरभजन सिंह ने कहा कि गन्नी बैग की कमी के कारण पिछले 15 दिनों से खरीद नहीं हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों की समस्या जल्द ही हल कर दी जाएगी।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
प्रदर्शन के दौरान, जब SDM प्रदीप सिंह की गाड़ी विरोध स्थल पर पहुंची, तो किसानों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया, जिससे उन्हें अपनी गाड़ी वापस ले जानी पड़ी। यह स्थिति बताती है कि किसानों की नाराजगी कितनी गंभीर है और वे अपनी आवाज़ को उठाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।
राजनीतिक टिप्पणियाँ:
पटियाला में धान की खरीद और उठान के मुद्दे पर मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार, कमीशन एजेंटों और किसानों को एक साथ मिलकर काम करना होगा। इसके अलावा, अनाज के वजन में नमी के कारण होने वाले नुकसान का मुद्दा भी केंद्र के लिए चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री ने सभी मुद्दों को केंद्रीय कृषि मंत्री के सामने उठाया है।
किसान की चिंताएँ:
किसानों का कहना है कि उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। धान की फसल को मंडी में लाने के लिए उन्होंने काफी समय और श्रम लगाया है। अब जब फसल मंडी में है, तो उन्हें यह चिंता सता रही है कि कहीं गन्नी बैग की कमी के कारण उनकी फसल बर्बाद न हो जाए।
किसान संघर्ष:
पंजाब में किसानों का यह संघर्ष कोई नया नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार किसानों ने अपनी समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाई है। किसान आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें उनकी फसल का सही मूल्य चाहिए और उनकी मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार की भूमिका:
सरकार की भूमिका इस समय महत्वपूर्ण है। यदि सरकार किसानों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेगी, तो यह भविष्य में और बड़ी समस्याएँ पैदा कर सकता है। किसानों का यह प्रदर्शन उनके अधिकारों के लिए लड़ाई का प्रतीक है और यह दर्शाता है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।
आगे का रास्ता:
इस समस्या का समाधान निकालने के लिए जरूरी है कि सरकार और संबंधित विभाग एक साथ बैठकर किसानों की समस्याओं का समाधान करें। किसानों को गन्नी बैग उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनकी फसल की खरीद को सुनिश्चित करना होगा।
किसान और सरकार का संबंध:
किसानों और सरकार के बीच का संबंध एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यदि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो यह उनकी सरकार के प्रति नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे सकता है।
ईसड़ू मंडी में किसानों का प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि किसानों की समस्याओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की आवाज़ सुने और उनकी समस्याओं का समाधान करे। यह समय है कि सभी पक्ष एकजुट होकर काम करें ताकि किसानों की मेहनत का सही मूल्य मिले और उनकी चिंताओं का समाधान किया जा सके। पंजाब के किसान न केवल अपनी खेती के लिए बल्कि अपने हक के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं, और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता।